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जन्म दिन की बधाई

 जीवन का एक और वर्ष बीत गया आज | १४ मई आज मेरा जन्म दिन है| आज कुछ ख़ास है क्या | ये कैसा अनोखा नियम है और किसने बनाया है इसे रंग बिरंगे ढंग से मानाने का नियम. क्या जो आपको बधाई देते हैं वे आपके खाश है और जो भूल जाते वे आपके दोस्त नहीं ? क्या उनसे नाराजगी रहेगी मुझे ? हाँ जिसने मुझे आज बधाई नहीं भेजी मैं भी उन्हें उनके जन्म दिन पर नहीं भेजूंगा बधाई | ये सब बातें आज जब मैं सोचता हूँ तो बचकानी लगती हैं | इनकी महत्त्ता भी थी उन विद्यालय के दिनों में महाविद्यालय के दिनों में जब शायद हम बच्चे थे या बचपने वाले व्यस्क थे | तो आज क्या हम पूरे व्यस्क होगये हैं ? हमें क्या फर्क नहीं पड़ता इन बातों से, या पड़ना नहीं चाइये ?  पड़ता है , पर पड़ना नहीं चाइये | सबकी दुनिया अलग हो गयी हैं , नए दोस्त बन गए हैं , नए रिश्तों से जुड़ चुके हैं , नए कार्यालयों और दफ्तरों की जिम्मेदारियां आगयी हैं | मन में जो कॉलेज के दौर वाली स्फूर्ति भी तो नहीं रही , ज़िन्दगी से जूझने भी लग गए हैं अब, जिसमे ताकत भी तो लगती है , ऐसे में कहाँ किसी को ये छोटी छोटी बातें याद रहती हैं |  प्रकृति का नियम ही परिवर्तन है , रिस्तें भी जन्

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